अमेरिकी सांसद ने ट्रंप को दी कड़ी नसीहत : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ थोपे जाने के फैसले पर अब अमेरिका के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ सांसद और हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रैंकिंग सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने ट्रंप को दो टूक शब्दों में नसीहत दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह “टैरिफ तानाशाही” वर्षों से विकसित हो रही अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
वर्षों की मेहनत से बने रिश्ते खतरे में
मीक्स ने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच गहरे रणनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंध हैं, जो वर्षों की मेहनत का नतीजा हैं। उनका मानना है कि अगर कोई विवाद या चिंता है तो उसे लोकतांत्रिक मूल्यों और आपसी सम्मान के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीति इन मजबूत रिश्तों को कमजोर कर सकती है।
अमेरिकी विदेश विभाग की राय अलग
जहां एक ओर ट्रंप भारत पर टैरिफ लगाने की नीति पर अडिग दिख रहे हैं, वहीं अमेरिकी विदेश विभाग का रुख कुछ और ही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत को अमेरिका का “रणनीतिक साझेदार” बताया और कहा कि दोनों देश ‘‘पूरी स्पष्टता और ईमानदारी’’ के साथ संवाद करते हैं।
निक्की हेली ने भी दी थी चेतावनी
ट्रंप की आलोचना करने वालों में केवल ग्रेगरी मीक्स ही नहीं हैं। रिपब्लिकन पार्टी की भारतवंशी नेता निक्की हेली ने भी हाल ही में कहा था कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत साझेदार से रिश्ते नहीं बिगाड़ने चाहिए। साथ ही उन्होंने चीन को छूट देने पर भी सवाल उठाए थे। हेली ने यह बयान तब दिया था जब ट्रंप ने भारत पर टैरिफ और रूसी तेल की खरीद को लेकर हमला बोला था।
चीन ने भी जताई आपत्ति
दिलचस्प बात यह है कि इस मुद्दे पर चीन ने भी अप्रत्यक्ष रूप से भारत का समर्थन किया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने ट्रंप के टैरिफ निर्णय को “व्यापारिक नियमों का दुरुपयोग” बताया और कहा कि चीन हमेशा से टैरिफ के मनमाने इस्तेमाल का विरोध करता आया है।
इस पूरी स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार और रणनीतिक साझेदारियों के भविष्य को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है — जहां आंतरिक राजनीतिक मतभेदों का असर वैश्विक संबंधों पर साफ नजर आने लगा है।
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Author: haryanadhakadnews
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