राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी राफेल विमान में उड़ान : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन का दौरा करेंगी और अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान में विशेष उड़ान भरेंगी। यह क्षण देश के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि अंबाला एयरबेस पर किसी राष्ट्रपति का यह पहला दौरा होगा।
क्यों भरेंगी राष्ट्रपति राफेल में उड़ान?
देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री द्वारा लड़ाकू विमानों में उड़ान भरना भारतीय वायुसेना के प्रति सम्मान और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू का यह कदम वायुसेना के साहस, अनुशासन और तकनीकी क्षमता के प्रति देश की कृतज्ञता और गर्व को दर्शाता है। इस तरह की उड़ानें न केवल सैन्य बलों का मनोबल बढ़ाती हैं, बल्कि यह संदेश भी देती हैं कि देश का नेतृत्व अपने सैनिकों के साथ खड़ा है।
इसके अलावा, विदेशी विमानों — जैसे राफेल — में उड़ान भरना रणनीतिक साझेदारी और रक्षा सहयोग का भी प्रतीक होता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत होती है।
अंबाला एयरबेस पर दूसरी वीवीआईपी उड़ान
यह अंबाला एयरबेस पर किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति की दूसरी वीवीआईपी उड़ान होगी। इससे पहले 2003 में तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने यहां मिग-21 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
राष्ट्रपति की पिछली उड़ानें
इससे पहले, 8 अप्रैल 2023 को राष्ट्रपति मुर्मू ने असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन पर सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरी थी। लगभग 30 मिनट की इस उड़ान के दौरान उन्होंने पायलटों के अनुभव साझा किए और वायुसेना की दक्षता, अनुशासन और समर्पण की सराहना की थी।
पूर्व राष्ट्रपतियों की गौरवपूर्ण उड़ानें
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2009: तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल सुखोई-30 में उड़ान भरने वाली देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं।
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2006: पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने पुणे में सुखोई-30 विमान में उड़ान भरी थी, जो उस समय एक प्रेरणादायक मिसाल बनी।
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Author: haryanadhakadnews
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