धाकड़ न्यूज, हरियाणा : Factionalism in the party, राज्य में पार्टी के संगठन को दोबारा खड़ा करने की जिम्मेदारी राहुल गांधी ने खुद संभाल ली है। अगले महीने के पहले दिन यानि की 1 जून को राहुल गांधी चंडीगढ़ आ रहे हैं। यहां पर लोकसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से घोषित किए गए 21 पर्यवेक्षकों के साथ मीटिंग करेंगे। इनके साथ एक पर्यवेक्षक हरियाणा कांग्रेस कमेटी का भी होगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता सांसद राहुल गांधी यहां पर केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ राज्य के सीनियर नेतओं से भी मिलकर बातचीत करेंगे। कांग्रेस हाईकमान यह मान रही है कि पार्टी के नेताओं में समन्यवय नहीं होने और आपस गुटबाजी के चलते पार्टी के नेता एकजुट नहीं हो रहे हैं।
21 पर्यवेक्षकों में ज्यादातर कांग्रेसी नेता दक्षिण राज्यों से
प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने जिन 21 पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया है। उनमें लगभग सभी दूसरे प्रदेशों के कांग्रेसी नेता हैं। ज्यादातर तो इनमें दक्षिण राज्यों के कांग्रेसी हैं। सांसद राहुल गांधी 1 जून को चंडीगढ़ आ रहे हैं इसका मतलब साफ हैकि कांग्रेस के लिए संगठन ज्यादा जरूरी है। प्रदेश में विपक्ष का नेता चुनना बाद का विषय है। प्रदेश में जब से प्रदेश में नई सरकार बनी है तब से 8 महीने हो गए हैं लेकिन विपक्ष का कोई नेता नहीं है। इस कारण पार्टी को कई बार विधानसभा में हंसी का पात्र बनना पड़ रहा है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि पार्टी में गुटबाजी चलने के कारण ही राज्य में कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई। अगर वोटों के हिसाब से देखा जाए तो हरियाणा में जीत का अंतर बहुत ही कम रहा है। केवल एक प्रतिशत वोट बीजेपी ने ज्यादा लिया है। प्रदेश में हुड्डा गुट हर लिहाज से अधिक शक्तिशाली माना जाता है। विधायकों की संख्या के हिसाब से भी और वाट बैंक के हिसाब से भी। इसके अलावा कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा और रणदीप सूरजेवाला भी अपनी दावेदारी दिखा रहे हैं।
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Author: haryanadhakadnews
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