लेटेस्ट न्यूज़
Home » हरियाणा » पानीपत » पानीपत: शिक्षा मंत्री के गांव के दो सरकारी स्कूल बदहाल, टपक रही हैं छतें, हालत गंभीर

पानीपत: शिक्षा मंत्री के गांव के दो सरकारी स्कूल बदहाल, टपक रही हैं छतें, हालत गंभीर

शिक्षा मंत्री के गांव के दो सरकारी स्कूल बदहाल
Picture of haryanadhakadnews

haryanadhakadnews

शिक्षा मंत्री के गांव के दो सरकारी स्कूल बदहाल : हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के पैतृक गांव कवी में स्थित दो सरकारी स्कूलों की हालत चिंताजनक है। एक ओर जहां राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का हॉल पूरी तरह कंडम हो चुका है, वहीं दूसरी ओर राजकीय कन्या उच्च विद्यालय की छतें टपक रही हैं। हालात यह हैं कि दोनों ही स्कूलों में नियमित प्रिंसिपल तक मौजूद नहीं हैं, और कई शिक्षक पद भी खाली पड़े हैं।

जर्जर इमारतें, टपकती छतें

राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का हॉल बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। इसे असुरक्षित भवन घोषित कर चारों ओर तारबंदी कर दी गई है। स्कूल के अतिरिक्त प्रिंसिपल सुरेश दलाल के मुताबिक, यह स्कूल 1969 में बना था और 2007 में इसकी छत बदली गई थी। अब हालात ऐसे हैं कि स्कूल में कोई भी सामूहिक कार्यक्रम आयोजित नहीं हो सकता। स्कूल में फिलहाल पहली से पांचवीं तक 107 और छठी से 12वीं तक 291 छात्र पढ़ रहे हैं। स्टाफ की बात करें तो स्कूल में प्रिंसिपल और इतिहास विषय के शिक्षक नहीं हैं, और 5 नए कमरों की मांग की जा रही है।

वहीं, कन्या उच्च विद्यालय की इमारत भी कई समस्याओं से जूझ रही है। स्कूल की किचन की छत कंडम हो चुकी है और 3 कमरों के बरामदे से लगातार पानी टपकता है। कार्यकारी मुख्याध्यापक जयभगवान ने बताया कि स्कूल की स्थापना 1995 में प्राइमरी विंग के तौर पर हुई थी और 2005 में इसे अपग्रेड किया गया। फिलहाल, स्कूल में पहली से पांचवीं तक 51 और छठी से 10वीं तक 123 छात्राएं पढ़ती हैं। प्राइमरी विंग में 5 कक्षाओं के लिए सिर्फ 4 कमरे हैं, जबकि बाकी कमरों का उपयोग रसोई, लाइब्रेरी और आंगनबाड़ी के लिए किया जा रहा है। कंप्यूटर रूम पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। स्कूल में मुख्याध्यापक, ड्राइंग टीचर और पीटीआई के पद भी खाली हैं।

प्रशासनिक उपेक्षा और आधारभूत सुविधाओं की कमी

दोनों स्कूलों में नियमित प्रधानाचार्य नहीं हैं। सीनियर सेकेंडरी स्कूल में दूसरे संस्थान के प्रिंसिपल को डीडी पावर के तहत जिम्मेदारी दी गई है, जबकि कन्या स्कूल में प्राइमरी शिक्षक को कार्यकारी मुख्याध्यापक का चार्ज सौंपा गया है।

बारिश के दौरान स्कूल तक पहुंचना भी छात्रों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होता। स्कूल के रास्ते में पानी भर जाता है, जिससे अंदर-बाहर आना-जाना मुश्किल हो जाता है।

कवी गांव की स्थिति

कवी गांव, पानीपत जिला मुख्यालय से करीब 16 किलोमीटर दूर, मतलौडा से करनाल रोड पर स्थित है। गांव में दोनों सरकारी स्कूल आमने-सामने स्थित हैं—एक लड़कियों के लिए पहली से दसवीं तक, और दूसरा पहली से 12वीं कक्षा तक है।

सवालों के घेरे में शिक्षा व्यवस्था

शिक्षा मंत्री के अपने पैतृक गांव के स्कूलों की यह हालत प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जर्जर भवन, टपकती छतें, खाली पद और घटती छात्र संख्या—इन तमाम मुद्दों के बीच शिक्षा की गुणवत्ता कैसे बेहतर हो पाएगी, यह गंभीर चिंतन का विषय है।

व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://whatsapp.com/channel/0029Vb5yUhVJUM2bfKGvpB12

haryanadhakadnews
Author: haryanadhakadnews

MY LOGIN

Leave a Comment

Poll

क्या आप \"Haryana Dhakad News.\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Cricket Live

Rashifal

Leave a Comment

इस पोस्ट से जुड़े हुए हैशटैग्स