हरियाणा में शिक्षकों की ऑनलाइन तबादला नीति : हरियाणा में शिक्षकों के लिए 2016 में शुरू की गई ऑनलाइन टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी अब शिक्षकों के लिए मुश्किल का सबब बन चुकी है। शुरुआती दौर में इस पॉलिसी से सकारात्मक माहौल बना और कई शिक्षकों के तबादले सुगमता से हुए, लेकिन समय बीतने के साथ इसमें खामियां सामने आने लगीं। हालात यह हैं कि जिन तबादलों को हर साल होना चाहिए था, वे लंबे समय से अटके हुए हैं। इस साल भी अप्रैल में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत के साथ शिक्षकों के नए स्कूलों में जाने की उम्मीद जताई गई थी, लेकिन अब अगस्त समाप्त होने को है और सरकार या विभाग की ओर से कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। शिक्षकों को भरोसा था कि हाल ही में हुई कैबिनेट बैठक में ट्रांसफर पॉलिसी 2025 पर निर्णय होगा, लेकिन ऐसा कोई प्रस्ताव न आने से उनमें निराशा बढ़ गई है।
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा साल की शुरुआत से लगातार आश्वासन दे रहे हैं कि तबादले जल्द होंगे, लेकिन आठ महीने गुजर जाने के बाद भी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है। शुरुआत में इस पॉलिसी के तहत जोन सिस्टम लागू किया गया था, फिर ब्लॉक सिस्टम पर चर्चा हुई और अब केवल स्कूल सिस्टम की बात चल रही है।
टीचर्स संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि ब्लॉक सिस्टम न तो शिक्षकों के हित में है और न ही सरकार के। उनका सुझाव है कि राज्य कैडर के शिक्षकों को पूरे प्रदेश में स्कूल चुनने का विकल्प दिया जाए, जबकि जिला कैडर के शिक्षकों के लिए जिले के सभी स्कूल खोले जाएं। इसके बाद ड्राइव पूरी होने पर जिन शिक्षकों को मनचाहा स्थान नहीं मिलता, उन्हें बचे हुए विकल्पों में फिर से मौका दिया जाए। और अंत में अगर कुछ सीटें फिर भी खाली रह जाएं, तो जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों को डैपुटेशन पर पोस्टिंग करने का अधिकार दिया जाना चाहिए।
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Author: haryanadhakadnews
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