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कन्या भ्रूण हत्या की गंभीर समस्या से निपटने को गर्भवती महिलाओं के लिए “सहेली” पहल की शुरुआत

कन्या भ्रूण हत्या की गंभीर समस्या से निपटने को गर्भवती महिलाओं के लिए “सहेली” पहल की शुरुआत
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  1. हरियाणा सरकार का एक सराहनीय कदम
  2. राज्य में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम को सख्ती से लागू किया जा रहा
  3. “सहेली” गर्भवती महिला को पहली या दूसरी तिमाही से शिशु के प्रसव तक देखभाल प्रदान करेगीकन्या भ्रूण हत्या की गंभीर समस्या से निपटने को गर्भवती महिलाओं के लिए “सहेली” पहल की शुरुआत

हरियाणा धाकड़ न्यूज: हरियाणा में प्रत्येक गर्भवती महिला, जिसकी पहली संतान लड़की होगी, को एक समर्पित देखभालकर्ता “सहेली” उपलब्ध कराई जाएगी।सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में कन्या भ्रूण हत्या की गंभीर समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सख्त एवं सक्रिय कदम उठाए जा रहे हैं। पूरे राज्य में गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीएंडपीएनडीटी) अधिनियम को सख्ती से लागू किया जा रहा है।

एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस कानून के कार्यान्वयन की नियमित निगरानी के लिए एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स लगातार फील्ड विज़िट कर रही है तथा समीक्षा बैठकें भी आयोजित कर रही है। इसके अलावा कानून का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि एक महत्वपूर्ण निर्णय में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि पहली बार लड़की को जन्म देने वाली प्रत्येक गर्भवती महिला को एक समर्पित देखभालकर्ता ‘सहेली’ उपलब्ध कराई जाएगी। यह “सहेली” महिला एवं बाल विकास विभाग (WCD) की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता (AWW) या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की आशा कार्यकर्ता (ASHA) होगी। “सहेली” गर्भवती महिला को गर्भावस्था की पहली या दूसरी तिमाही से लेकर शिशु के सुरक्षित प्रसव तक निरंतर सहयोग और देखभाल प्रदान करेगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग गर्भवती महिला के लिए एक एनएचएम एक आशा कार्यकर्ता नियुक्त करेगा

स्वास्थ्य सचिव ने एक संयुक्त बैठक में स्वास्थ्य विभाग, एनएचएम और महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि एनएचएम , गर्भवती महिलाओं से संबंधित डेटा महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साझा करेगा। इस डेटा के आधार पर, महिला एवं बाल विकास विभाग प्रत्येक पात्र गर्भवती महिला के लिए एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एनएचएम एक आशा कार्यकर्ता नियुक्त करेगा।

उन्होंने बताया कि नियुक्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ता या आशा उस महिला की “सहेली” के रूप में कार्य करेगी और मातृत्व देखभाल व भावनात्मक समर्थन के लिए उसका मुख्य संपर्क सूत्र बनेगी।

एनएचएम और महिला एवं बाल विकास विभाग , दोनों को निर्देशित किया गया है कि हरियाणा की प्रत्येक गर्भवती महिला को तुरंत प्रभाव से एक “सहेली” प्रदान की जाए। इस पहल के माध्यम से हरियाणा सरकार का उद्देश्य है कि गर्भवती महिलाओं की समग्र हित को बढ़ावा मिले, सुरक्षित प्रसव को प्रोत्साहन मिले और प्रसव पूर्व देखभाल में लिंग आधारित भेदभाव समाप्त हो। आज से, हरियाणा में हर गर्भवती महिला के साथ होगी उसकी “सहेली” – जो उसके गर्भावस्था के पूरे सफर में उसकी साथी, सहारा और देखभालकर्ता बनेगी।

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