झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का निधन, ‘दिशोम गुरु’ को PM मोदी ने दी अंतिम श्रद्धांजलि, 3 दिन का राजकीय शोक घोषित
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के प्रमुख चेहरे शिबू सोरेन का निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में अंतिम सांस ली। ‘दिशोम गुरु’ के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन पिछले एक महीने से ज्यादा समय से अस्पताल में भर्ती थे और उनका इलाज चल रहा था।
उनके निधन पर झारखंड सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अस्पताल पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। शिबू सोरेन के निधन से झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।
शिबू सोरेन का निधन: पीएम मोदी पहुंचे अस्पताल, तीन दिवसीय राजकीय शोक घोषित – आदिवासी आंदोलन के ‘दिशोम गुरु’ को देश ने दी अंतिम श्रद्धांजलि
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का लंबी बीमारी के बाद दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। 81 वर्षीय शिबू सोरेन पिछले एक महीने से ब्रेन स्ट्रोक और किडनी संबंधी समस्याओं के चलते वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उनके निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अस्पताल पहुंचे और दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्य सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।
राष्ट्रपति और गडकरी ने की थी हालचाल की पूछताछ
कुछ दिन पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे थे, जहां उन्होंने शिबू सोरेन के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। जून 2025 से वे अस्पताल में भर्ती थे।
तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था (तब यह क्षेत्र बिहार का हिस्सा था)। वे 2005, 2008 और 2009 में झारखंड के मुख्यमंत्री रहे, हालांकि वे कोई भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। लंबे समय तक दुमका से लोकसभा सांसद रहे शिबू सोरेन फिलहाल राज्यसभा सांसद थे।
आदिवासी अधिकारों की आवाज बने ‘दिशोम गुरु’
शिबू सोरेन को ‘दिशोम गुरु’ के नाम से जाना जाता था। उन्होंने आदिवासियों के अधिकारों की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई। ‘धनकटनी आंदोलन’ के जरिए उन्होंने साहूकारों और महाजनों के शोषण के खिलाफ आदिवासियों को संगठित किया। 1980 से 2019 तक वे दुमका से सांसद रहे और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में उनका योगदान निर्णायक रहा।
शिबू सोरेन का जाना झारखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति है। आदिवासी समाज और जन आंदोलनों की राजनीति में उनकी भूमिका सदैव याद की जाएगी।
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Author: haryanadhakadnews
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