झारखंड के हजारीबाग में बिहार के नालंदा निवासी इंजीनियर कुमार गौरव की हत्या कर दी गई। देश की महारत्न कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) में वह उप महाप्रबंधक के पद पर तैनात थे। झारखंड में तैनाती पिछले साल हुई थी। शनिवार सुबह हजारीबाग स्थित निजी आवास से कोयला खदान की ओर जाते समय कटकमदाग पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत फतह चौक के पास चापरहिया सवार कुमार गौरव को अपराधियों ने गोली मार दी। इस हत्या के तार कहां से जुड़े हैं, यह खोजना झारखंड पुलिस के लिए आसान नहीं होगा। वह बिहार के नालंदा से पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद के सगे भतीजे थे। झारखंड की पोस्टिंग के पहले मध्य प्रदेश के सिंगरौली में थे। एनटीपीसी के अधिकारी संवर्ग में वह नेता के रूप में भी जाने जाते थे। पिता की इकलौती संतान थे। पोस्टिंग की जगह पर ही रहते थे। इसलिए, हत्या के तार झारखंड या मध्य प्रदेश से जुड़ें, तो आश्चर्य नहीं।
नालंदा के पूर्व सांसद के भतीजे, पिता के इकलौते पुत्र थे गौरव
नालंदा के पूर्व सांसद रामस्वरूप प्रसाद का नौ साल पहले निधन हो गया था। एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव उनके सगे भतीजे थे। एकंगरसराय प्रखंड के ओप पंचायत के हासेपुर गांव निवासी स्वर्गीय रामेश्वर प्रसाद सिंह के इकलौते पुत्र थे। घर में मां और पत्नी के अलावा 11 साल की एक बेटी है। सभी हजारीबाग में ही रहते थे। बाइक सवार अपराधियों ने जब उन्हें जिस तरह से गोली मारी, उससे साफ पता चलता है कि अपराधी उनकी हत्या के लिए पहले से रेकी कर रहे थे। कुमार गौरव की मौत की सूचना मिलते ही हासेपुर गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है।
2006 में एनटीपीसी ज्वाइन किया, खदान प्रोजेक्ट में थे कार्यरत
कुमार गौरव के पिता स्वर्गीय रामेशवर प्रसाद इलाके के प्रतिष्ठत समाजसेवी थे। गौरव ने बीआईटी सिंदरी से इंजीनियरिंग की थी। एनटीपीसी में वह 2006 बैच के एग्जीक्यूटिव ट्रेनी (इंजीनियर) थे। उनकी पहली पोस्टिंग उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर स्थित एनटीपीसी दादरी में इंजीनियर के पद पर हुई थी। झारखंड के हजारीबाग में पिछले साल पोस्टिंग से पहले वह मध्य प्रदेश के सिंगरौली में थे, जहां डीजीएम के रूप में उन्हें प्रोन्नति मिली थी। वह एनटीपीसी की केरेडारी कोयला खदान परियोजना में उप महाप्रबंधक (डिस्पैच) के पद पर तैनात थे।
ईमानदार छवि, नेतागिरी या खदान से जुड़े विवाद के कारण तो नहीं हत्या?
एनटीपीसी के अंदर उन्हें ईमानदार और अधिकारियों के नेता के रूप में जाना जाता है। मध्य प्रदेश में पोस्टिंग के समय से वह अंदरूनी राजनीति में सक्रिय हुए थे और झारखंड में पदस्थापना के बाद उनकी ईमानदार छवि के कारण कुछ लोगों को परेशान बताया जा रहा है। हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरविंद कुमार सिंह फिलहाल जांच की बात कह रहे हैं, लेकिन एनटीपीसी के अंदर बात चल रही है कि खदान संबंधित कुछ लोगों की मनमानी नहीं चलने देने के कारण उनकी हत्या की गई है।
