हरियाणा में डिजिटल क्रांति: भूमि और रजिस्ट्री सेवाएं अब होंगी पूरी तरह ऑनलाइन, पारदर्शी शासन की दिशा में ऐतिहासिक कदम
हरियाणा सरकार ने भूमि और राजस्व प्रशासन में बड़ा बदलाव करते हुए इसे पूरी तरह डिजिटल बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने शुक्रवार को सभी उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर डिजिटल सुधारों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि 58 साल पुरानी पारंपरिक प्रणाली को अब आधुनिक, डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था में बदला जा रहा है, ताकि नागरिकों को तेज़, निष्पक्ष और भरोसेमंद सेवाएं मिल सकें।
📜 अब हरियाणा में पेपरलेस भूमि पंजीकरण
नवंबर से राज्य में पेपरलेस भूमि पंजीकरण प्रणाली लागू की जा रही है। अब किसी भी तहसील में भौतिक दस्तावेज़ों की आवश्यकता नहीं होगी। सभी रजिस्ट्री डिजिटल सिग्नेचर से मान्य होंगी, जिससे जालसाजी और दस्तावेज़ खोने की संभावना समाप्त हो जाएगी। 3 नवंबर से पहले खरीदे गए स्टाम्प 15 नवंबर 2025 तक मान्य रहेंगे।
💬 नागरिक फीडबैक अब QR कोड से
हर तहसील में जल्द ही क्यूआर कोड आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू किया जाएगा। नागरिक सेवा प्राप्त करने के बाद तुरंत अपने अनुभव को रेट कर सकेंगे और समस्याओं की रियल-टाइम रिपोर्टिंग कर पाएंगे।
🧾 राजस्व सेवाओं का डिजिटल ट्रांजिशन
सभी तहसीलदारों और पंजीयन कर्मियों को अपने यूजर अकाउंट सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि ऑनलाइन ट्रांजिशन सुचारू रूप से हो सके। साथ ही सभी लंबित म्यूटेशन मामलों का निपटान इस सप्ताह के अंत तक करने को कहा गया है।
⚙️ 25 नवंबर से लागू होगा ऑटो-म्यूटेशन सिस्टम
राज्य में 25 नवंबर से ऑटो-म्यूटेशन सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे संपत्ति स्वामित्व का हस्तांतरण स्वतः रिकॉर्ड हो सकेगा। इससे देरी और विवादों का अंत होगा। सभी भुगतान अब केवल ई-गवर्नेंस पेमेंट गेटवे के माध्यम से ही होंगे।
🧾 ऑनलाइन डीड सिस्टम अनिवार्य
अब डीड राइटर्स को मैनुअल ड्राफ्टिंग की अनुमति नहीं होगी। केवल पोर्टल द्वारा तैयार की गई ऑनलाइन डीड ही मान्य होगी। भूमि अभिलेखों का स्वतः सत्यापन और डिजिटल हस्ताक्षर से प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
🗺️ HaLMSP प्रोजेक्ट की समीक्षा
डॉ. मिश्रा ने हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट (HaLMSP) की समीक्षा की और जीपीएस आधारित डिजिटल मानचित्रण को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इससे भूमि सीमाओं से जुड़े विवाद समाप्त होंगे और नागरिकों को प्रमाणित संपत्ति रिकॉर्ड प्राप्त होंगे।
📍 ऑनलाइन निशानदेही प्रक्रिया शुरू
अब सभी निशानदेही आवेदन केवल ऑनलाइन पोर्टल से ही स्वीकार किए जाएंगे। फीस ग्रामीण क्षेत्रों में ₹1000 प्रति एकड़ (अतिरिक्त एकड़ पर ₹500) और शहरी क्षेत्रों में ₹2000 होगी। यह प्रक्रिया जीपीएस-इनेबल्ड रोवर तकनीक से की जाएगी।
🔍 पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर
डॉ. मिश्रा ने कहा, “हम ऐसा डिजिटल शासन तंत्र बना रहे हैं, जहाँ हर भूमि रिकॉर्ड सटीक हो, हर नागरिक की आवाज़ सुनी जाए और हर अधिकारी जवाबदेह हो। पेपरलेस रजिस्ट्री, ई-पेमेंट, ऑटो-म्यूटेशन और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी पहलें हरियाणा को डिजिटल भूमि प्रशासन में देश का अग्रणी राज्य बनाएंगी।”
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Author: haryanadhakadnews
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