कांग्रेस में फिर लौटे कैप्टन अजय यादव कांग्रेस में OBC वर्ग की अनदेखी पर भड़के अजय यादव , OBC प्रतिनिधित्व की अनदेखी पर पार्टी नेतृत्व को घेरा
हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के कुछ ही घंटों बाद चौंकाने वाला यू-टर्न ले लिया। शनिवार को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा, “मैं जन्म से कांग्रेसी हूं और आखिरी सांस तक कांग्रेसी ही रहूंगा।” हालांकि सोमवार को उन्होंने कांग्रेस संगठन में OBC समुदाय के कमज़ोर प्रतिनिधित्व और चुनाव में पार्टी की रणनीतिक विफलताओं पर खुलकर सवाल उठाए।
दीपक बाबरिया पर साधा निशाना
अजय यादव ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए एआईसीसी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान बाबरिया अस्पताल में भर्ती थे। “अगर वे बीमार थे तो पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था। अब जब चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं, तब इस्तीफे की पेशकश करना उचित नहीं है,” उन्होंने कहा। साथ ही उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पर भी इशारों में निशाना साधा कि वे खुद चुनाव में व्यस्त थे, जिससे पार्टी का समुचित प्रबंधन नहीं हो सका।
OBC नेताओं की अनदेखी पर जताई नाराज़गी
कैप्टन अजय यादव ने कांग्रेस की केंद्रीय इकाइयों – जैसे कांग्रेस कार्य समिति (CWC) और केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) – में OBC नेताओं की कम भागीदारी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि OBC विभाग के अध्यक्ष का पद भी महज “सजावटी” बनाकर रखा गया है।
उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर चुनावों में OBC समुदाय को टिकट तक नहीं दिया गया। हरियाणा में भी OBC वर्ग को उतनी तवज्जो नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी।”
भाजपा की तुलना में कांग्रेस पीछे
अजय यादव ने भाजपा की तुलना करते हुए कहा कि वहां OBC समुदाय का बेहतर प्रतिनिधित्व है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “राव इंद्रजीत सिंह, भूपेंद्र यादव और कृष्णपाल गुर्जर जैसे नेता न केवल OBC वर्ग से हैं, बल्कि केंद्र सरकार में मंत्री पदों पर भी हैं। वहीं कांग्रेस में सोशल इंजीनियरिंग की पूरी तरह से अनदेखी हुई है।”
“ये मेरी जिम्मेदारी है, इसलिए बोल रहा हूं”
उन्होंने साफ किया कि उनका मकसद पार्टी की आलोचना नहीं बल्कि उसे आईना दिखाना है। “उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे राज्यों में भी कांग्रेस में OBC नेतृत्व का अभाव है। मैं ये बातें इसलिए कह रहा हूं क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है,” उन्होंने कहा।
इस्तीफा फिलहाल स्वीकार नहीं हुआ
कैप्टन अजय यादव ने कहा कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दिया था, लेकिन वह स्वीकार नहीं हुआ। अब उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया है और कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए फिर से सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
“38 साल की निष्ठा को भुलाया नहीं जा सकता”
उन्होंने कहा, “मैंने पिछले 38 वर्षों से कांग्रेस की सेवा की है, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के साथ काम किया है। हमारे परिवार का पार्टी से 70 साल पुराना रिश्ता है।” उन्होंने स्वीकार किया कि पार्टी में उनकी मेहनत की अनदेखी से वे आहत थे और यही वजह थी कि उन्होंने इस्तीफे जैसा कठोर कदम उठाया। लेकिन बेटे चिरंजीव यादव के समझाने के बाद उन्होंने फिर से पार्टी के साथ खड़े होने का निर्णय लिया।
भाजपा में जाने की अफवाहों पर विराम
अजय यादव ने स्पष्ट किया कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। “चुनाव के बाद प्रस्ताव आए थे, लेकिन मैंने इनकार कर दिया।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में जाति जनगणना, क्रीमीलेयर की सीमा बढ़ाने और उच्च शिक्षा में OBC वर्ग के प्रतिनिधित्व जैसे मुद्दों को उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने गंभीरता से उठाया है।
अब मिशन – कांग्रेस को मज़बूत करना
अंत में उन्होंने कहा कि वे कांग्रेस को मज़बूत करने के लिए फिर से जुट चुके हैं, विशेषकर अपनी “गुरु और नेता सोनिया गांधी” के लिए। उनका लक्ष्य अब पार्टी को अंदर से बदलना और सामाजिक न्याय की दिशा में गंभीर कदम उठवाना है।
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Author: haryanadhakadnews
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