- आनलाइन ‘शिक्षक डायरी’ भरने से गुरुजी काट रहे हैं कन्नी
- हिदायत : आनलाइन शिक्षक डायरी भरवानी की जाए सुनिश्चित
धाकड़ न्यूज: राजकीय स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाई के तौर-तरीके और दिनचर्या का आनलाइन शिक्षक डायरी में उल्लेख करने से ‘गुरुजी’ कन्नी काट रहे हैं। विद्यालय शिक्षा निदेशालय ने शिक्षकों की लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाई है। निदेशालय द्वारा स्पष्ट हिदायत जारी की गई है कि शिक्षकों से आनलाइन शिक्षक डायरी भरवाना सुनिश्चित किया जाए।
विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा शिक्षकों को एमआईएस (मैनेजमेंट इंफोर्मेशन सिस्टम) पोर्टल पर आनलाइन शिक्षक डायरी भरने के निर्देश जारी किए गए हैं। आनलाइन शिक्षक डायरी में शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को कराई जाने वाली पढ़ाई और पढ़ाने के तौर-तरीकों का उल्लेख करना होगा। मगर, ज्यादातर शिक्षक आनलाइन शिक्षक डायरी भरने से कन्नी काट रहे हैं। इसको लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने नाराजगी जताते हुए डीईओ औ डीईईओ को निर्देश जारी किए हैं कि शिक्षा निदेशालय के आदेशों को शिक्षक गंभीरता से नहीं ले हैं और 9 अप्रैल से शिक्षक डायरी भरने की अनिवार्य की गई है, लेकिन शिक्षक डायरी नहीं भर रहे हैं।
अवकाश पर है तो उसे भी अपडेट करना जरूरी
शिक्षा निदेशालय ने अपने निर्देशों में स्पष्ट किया है कि डेली डायरी हर शिक्षक के लिए अनिवार्य होगी। अगर किसी शिक्षक की चुनाव, परीक्षा या अन्य किसी काम में ड्यूटी लगी है तो उसे भी पोर्टल पर अपडेट करना होगा। अगर शिक्षक किसी भी तरह के अवकाश पर है तो उसे भी अपडेट करना जरूरी होगा। किसी अन्य सरकारी कार्य में ड्यूटी की वजह से डायरी अपडेट करने में होने वाली देरी पर संबंधित शिक्षक को ड्यूटी पर लौटने के पंद्रह दिनों के भीतर डायरी अपडेट करने की अनुमति दी जाएगी।
शिक्षकों से सुझाव अनिवार्य रूप से लिए जाएं
शिक्षा विभाग द्वारा राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को हर रोज टीचर डायरी लिखने के आदेशों का हरियाणा स्कूल लेक्चरर्स एसोसिएशन (हसला) विरोध जता चुकी है। हसला के प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंधु की ओर से पत्र लिखकर शिक्षा निदेशक को लिखे पत्र को एमआईएस पोर्टल पर शिक्षक डायरी लिखने के फैसले को अव्यवहारिक बताया गया है। पत्र के जरिये हसला ने मांग की है कि आगामी फैसलों से पहले शिक्षकों से सुझाव अनिवार्य रूप से लिए जाएं। एमआईएस पोर्टल पर शिक्षक डायरी का डिजिटलीकरण शैक्षिक ढांचे के लिए एक समृद्ध कदम नहीं माना जा सकता है क्योंकि यह केवल एक बेकार काम है, जिससे शिक्षकों, स्कूल प्रमुखों, जिला निगरानी अधिकारियों और यहां तक कि राज्य मुख्यालय अधिकारियों के लिए समय की बर्बादी होगी।
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Author: haryanadhakadnews
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