
धाकड़ न्यूज : वक्फ संशोधन बिल पेश करते हुए अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरण रिजीजू ने कहा कि इस बिल के पारित हाेने से नए प्रावधानों से न्याय प्रक्रिया में तेजी आएगी। संपत्ति का रजिस्ट्रेशन जरूरी हो जाएगा। महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो जाएगी। वक्फ संपत्ति की निगरानी के लिए वक्फ बोर्ड है। हमने वक्फ ट्रिब्यूनल का दायरा बढ़ाया है। ट्रिब्यूनल में हक ना मिले तो कानूनी रास्ते खुले है।
आईएनसी कर्नाटक से सांसद डॉक्टर सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि क्या कोई दूसरा डिपार्टमेंट खोला जाएगा जिससे मुसलमान को पहचाना जा सके। या मोदी जी की मोहर लगाई जाएगी कि यह मुसलमान है या नहीं। हुसैन ने कहा कि बीजेपी यह सारी की सारी संपत्ति और जमीन को हड़पने के लिए यह बिल लेकर आ रही है। हुसैन ने कहा कि इस देश में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे सभी सुंदर बने हुए हैं। अगर उनके कागज पूछे जाएंगे तो आज कहां से लाकर दिए जाएंगे। हुसैन ने कहा कि मुसलमानों की संपत्ति पर सरकार की नजर है। हुसैन ने कहा कि बीजेपी चाह रही है कि दंगा फसाद बढ़ता रहे और उनका वोट बैंक बढ़ता रहे।
इस बिल की पढ़िए ये अहम बातें
लोकसभा और राज्यसभा में संख्या बल
- मौजूदा लोकसभा मे एनडीए की संख्या 293 जोकि 542 सदस्यों वाले निचले सदन से काफी अधिक है
- लोकसभा में इंडिया गठबंधन के सदस्यों की संख्या 234 है जबकि बहुमत के लिए 272 जरूरत है
- 236 सदस्यों वाली राज्य सभा मे भी एनडीए का संख्या बल 126 है जोकि बहुमत के लिए पर्याप्त है
- इनमें दो स्वतंत्र और 6 नामित सदस्य हैं जो आम तौर पर सरकार का समर्थन करते हैं
इस बिल के समर्थन में कौन है
वक़्फ संशोधन बिल को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र की एनडीए सरकार लेकर आई है।
नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी भी एडीए का हिस्सा हैं इन दोनों पार्टियों ने बिल का समर्थन करने की घोषणा की है, शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट) और लोक जनशक्ति (राम विलास) भी समर्थन में है
ओवैसी की नायडू और नीतिश से की अपील: हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया है और चंद्रबाबू व नीतीश कुमार से अपील की है इस बिल का समर्थन ना दें।
बिल के विराध में कौन कौन: इस बिल के विराेध में देश भर की विभिन्न् पार्टियों विरोध भी किया है लेकिन ये बिल लोकसभा में पास हो चुका है और मानना पड़ेगा या अपनाना पड़ेगा।ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी , नेशनल कॉन्फ्रेंस, एनसीपी (शरद पवार) आरजेडी, डीएमके समेत इंडिया गठबंधन के दलों ने इस विधेयक को गैर-संवौधानिक कहा है
दल जो किसी के साथ नहीं
3 ऐसी पार्टियां है जिनका अपने प्रदेशों में जनाधार है लेकिन वो केंद्र में किसी गठबंधन में शामिल नहीं है इनमें से मायावती की बहुतन समाज पार्टी, नवीन पटनायक की बीजू जनता दल भी हैं और आंध्र प्रदेश मे जगन रेड्डी की पार्टी वाईएसआसीपी के चार सांसद है।
- आज़ाद समाज पार्टी कांशीराम के एकमात्र सांसद चंद्रशेखर आज़ाद हैं
- एनडीए से अलग हो चुके पंजाब के शिरोमणि अकाली दल शिअद की एकमात्र सांसद हरसिमरत कौर है
- भारत आदिवासी पार्टी के एकमात्र सांसद राजकुमार रोत
- मिजोरम में ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट जेडपीएम के सांसद रिचर्ड वनलाल्हमांगैहा है
- और मेघालय में वाॅइस ऑफ द पीपुल पार्टी के एकमात्र सांसद हैं डॉ रिकी एंड्रयू जे सिंगकॉन
Author: haryanadhakadnews
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