Delhi Blast : दिल्ली — लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम हुए कार धमाके में मृतकों की संख्या 12 हो गई है। शुरुआती पूछताछ में मिले संकेतों के बाद जांच एजेंसियों का कहना है कि यह कोई सुनियोजित साजिश थी और गिरफ्तार आठ आरोपियों से पता चला है कि कई बड़े शहरों में सीरियल ब्लास्ट की योजना बनाई जा रही थी।
जांच का एक बड़ा फोकस फरीदाबाद के मुस्लिम बहुल गांव धौज में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर है। यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों को तेरर मॉड्यूल से संबंध के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद अब जांच एजेंसियां विश्वविद्यालय के 70 एकड़ के कैंपस की बारीक तलाशी ले रही हैं। एजेंसियों को शक है कि शिक्षा के नाम पर यह कैंपस रेडिकलाइज़ेशन का केंद्र बन रहा था।
कैंपस में स्थित 800 बेड का सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल—जो 1997 में एक छोटे डिस्पेंसरी के रूप में शुरू हुआ था—भी जांच के केंद्र में है। आरोप है कि अस्पताल और उसकी लैब्स में कुछ स्थानों पर विस्फोटक निर्माण के लिए सामग्री का दुरुपयोग हुआ हो सकता है। यूनिवर्सिटी को दिल्ली के ओखला में रजिस्टर्ड अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा चलाया जाता है।
जांच के चार दिन बाद यूनिवर्सिटी की उपकुलपति प्रो. भुपिंदर कौर आनंद ने एक बयान जारी कर कहा कि जांच एजेंसियों ने दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया है, पर विश्वविद्यालय का उन व्यक्तियों से कोई अन्य संबंध नहीं है सिवाय उनके आधिकारिक कर्तव्यों के।
पुलिस पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि मॉड्यूल कई महीनों से बड़ी धमाकों की योजना बना रहा था और इसकी साजिश जनवरी 2025 से चल रही थी। आरोप है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, शोपियां और अनंतनाग के रैडिकलाइज़्ड युवा डॉक्टरों ने फरीदाबाद में “व्हाइट कॉलर” कवर के तहत बेस बनाया, ताकि उनका गतिविधि संदिग्ध न लगे।
जांच के अनुसार, विस्फोटक छिपाने के लिए धौज और फतेहपुर तागा में ऐसे कमरे तलाशे गए जहाँ बाधा के बिना गए-आए जा सकें। आरोपियों ने दिल्ली-एनसीआर में आसानी से मूव करने के लिए गुरुग्राम रेजिस्ट्रेशन वाली एक i20 कार खरीदी और उसे मोबाइल लैब की तरह इस्तेमाल कर विस्फोटक दिल्ली में लाया गया।
एक अन्य जांच में फरीदाबाद की खंदावली के पास खड़ी संदिग्ध लाल गाड़ी (DL10 C K-0458) की जांच रातभर चलती रही; एनआईए, एनएसजी और अन्य केंद्रीय एजेंसियां मौके पर मौजूद रहीं। ग्रामीणों ने बताया कि कार मंगलवार शाम से वहीं खड़ी थी और एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। पुलिस को कार में विस्फोटक होने का शक था, जिसके चलते हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया था।
पुलिस का अनुमान है कि मॉड्यूल ने 200 से अधिक शक्तिशाली IEDs बनाकर दिल्ली, गुरुग्राम और फरीदाबाद के हाई-प्रोफाइल लक्ष्यों—जिनमें लाल किला, इंडिया गेट, कुछ प्रमुख मंदिर, रेलवे स्टेशन और मॉल शामिल हैं—पर एक साथ हमले करने की योजना बनाई थी। विशेष रूप से धार्मिक स्थलों पर हमले कर साम्प्रदायिक तनाव भड़काने की साजिश भी संदिग्ध एंगल के रूप में देखी जा रही है।
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Author: haryanadhakadnews
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