हरियाणा में लिंगानुपात में गिरावट : हरियाणा में लिंगानुपात सुधारने के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कुछ जिले अभी भी चिंता का कारण बने हुए हैं। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, रोहतक, चरखी दादरी, गुरुग्राम, रेवाड़ी और सोनीपत जिले राज्य के औसत से नीचे हैं। इनमें चरखी दादरी का लिंगानुपात सबसे कम 855 दर्ज किया गया, जबकि अन्य जिले 900 के आसपास या उससे कम हैं। इन जिलों के कारण प्रदेश का कुल लिंगानुपात सितंबर 2025 तक 909 पर अटका हुआ है, जो पिछले वर्ष से एक अंक कम है।
जिला-wise आंकड़े (2024 vs 2025):
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चरखी दादरी: 855 → 869
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गुरुग्राम: 872 → 899
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रेवाड़ी: 881 → 873
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सोनीपत: 893 → 901
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रोहतक: 896 → 888
जनवरी से सितंबर 2025 तक राज्य में कुल 3,69,989 बच्चों का जन्म हुआ, जिनमें 1,93,804 बेटे और 1,76,185 बेटियां शामिल हैं। फतेहाबाद जिले ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जहां लिंगानुपात 964 रहा, जबकि पंचकूला 951 के अनुपात के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
दिल्ली से सटे इलाकों में गिरावट:
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली के आसपास और उत्तर प्रदेश से सटे जिलों में लिंगानुपात में गिरावट का मुख्य कारण भ्रूण लिंग जांच कराने वाले दलालों की सक्रियता है। इससे गर्भवती महिलाओं के लिए गैरकानूनी लिंग जांच कराना आसान हो जाता है।
सरकार की तैयारी:
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जब तक दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में भ्रूण लिंग जांच पर सख्त नियंत्रण नहीं होगा, तब तक हरियाणा के इन जिलों में लिंगानुपात में सुधार लाना चुनौतीपूर्ण रहेगा। सरकार इस दिशा में और कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
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Author: haryanadhakadnews
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