Home » देश विदेश » आय समानता में भारत ने मारी बाज़ी, अमेरिका और चीन को भी छोड़ा पीछे – जानें इस उपलब्धि का महत्व

आय समानता में भारत ने मारी बाज़ी, अमेरिका और चीन को भी छोड़ा पीछे – जानें इस उपलब्धि का महत्व

आय समानता में भारत ने मारी बाज़ी
Picture of haryanadhakadnews

haryanadhakadnews

आय समानता में भारत ने मारी बाज़ी: भारत ने आय समानता के मामले में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वर्ल्ड बैंक द्वारा जारी गिनी इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत अब दुनिया का चौथा सबसे समान देश बन चुका है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2011-12 से 2022-23 के बीच भारत में आय असमानता और अत्यधिक गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है।

भारत को मिला गिनी इंडेक्स में 25.5 स्कोर

गिनी इंडेक्स वह मापक है जिससे किसी देश में आय वितरण की समानता मापी जाती है। इसमें:

  • 0 का स्कोर पूर्ण समानता दर्शाता है

  • 100 का स्कोर पूर्ण असमानता दर्शाता है

भारत का स्कोर अब 25.5 है, जो 2011-12 में 28.8 था। इसका मतलब है कि भारत ने पिछले दशक में समानता के स्तर में बड़ी प्रगति की है।

भारत से आगे केवल तीन देश:

  1. स्लोवाक रिपब्लिक – 24.1

  2. स्लोवेनिया – 24.3

  3. बेलारूस – 24.4

भारत ने अमेरिका (41.8), चीन (35.7), और यूके जैसे बड़े देशों को समानता के मामले में पीछे छोड़ दिया है।


अत्यधिक गरीबी में ऐतिहासिक गिरावट

वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि अत्यधिक गरीबी (Extreme Poverty) 2011-12 में 16.2% थी, जो 2022-23 में घटकर सिर्फ 2.3% रह गई।
इस अवधि में 171 मिलियन (17.1 करोड़) लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गरीबी में कमी:

  • ग्रामीण गरीबी: 18.4% → 2.8%

  • शहरी गरीबी: 10.7% → 1.1%

  • ग्रामीण-शहरी अंतर: 7.7% → 1.7%


किन राज्यों ने निभाई अहम भूमिका?

भारत की अत्यधिक गरीब आबादी का 65% हिस्सा पांच राज्यों में था:

  • उत्तर प्रदेश

  • बिहार

  • महाराष्ट्र

  • पश्चिम बंगाल

  • मध्य प्रदेश

इन राज्यों ने गरीबी में दो-तिहाई कमी में योगदान दिया है। हालांकि, अब भी देश की 54% अत्यंत गरीब आबादी इन्हीं राज्यों में निवास करती है।


सरकारी योजनाओं का योगदान

भारत में गरीबी घटाने और समानता बढ़ाने में कई सरकारी योजनाओं ने बड़ी भूमिका निभाई है:

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना

  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)

  • स्टैंड-अप इंडिया

  • स्वच्छ भारत मिशन

  • आयुष्मान भारत योजना

इन योजनाओं ने वित्तीय समावेशन, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, और स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए।


रोजगार और लिंग असमानता की चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं

रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आर्थिक प्रगति के बावजूद कुछ प्रमुख चुनौतियां हैं:

  • गैर-कृषि क्षेत्र की केवल 23% नौकरियाँ फॉर्मल हैं

  • ग्रामीण महिलाएं तेजी से स्वरोजगार की ओर बढ़ रही हैं

  • महिला रोजगार दर मात्र 31% है

  • पुरुषों की तुलना में 23.4 करोड़ ज्यादा पुरुष भुगतान वाली नौकरियों में हैं

  • युवा बेरोजगारी दर: 13.3%

  • उच्च शिक्षा प्राप्त बेरोजगार: 29%


भारत में आर्थिक बदलाव की रफ्तार

भारत अब एक निम्न-मध्यम आय वाली अर्थव्यवस्था बन चुका है। बीते दशक में:

  • गरीबी दर: 61.8% → 28.1%

  • 378 मिलियन लोग गरीबी से बाहर आए

  • 2022-23 में समायोजित गरीबी दर:

    • $2.15/दिन (अत्यधिक गरीबी): 5.3%

    • $3.65/दिन: 23.9%

रोजगार और पलायन का रुझान:

  • शहरी बेरोजगारी 2025 की पहली तिमाही में घटकर 6.6% रह गई – जो 2017-18 के बाद सबसे कम है

  • ग्रामीण महिलाओं की कृषि में भागीदारी बढ़ी है

  • कोरोना के बाद पुरुषों का शहरी पलायन फिर शुरू हुआ है


निष्कर्ष: भारत की ओर बढ़ता आर्थिक समानता का कदम

वर्ल्ड बैंक की यह रिपोर्ट बताती है कि भारत ने गरीबी हटाने और आर्थिक समानता लाने में बड़ी प्रगति की है।
हालांकि, रोजगार सृजन, महिला भागीदारी, और शिक्षित बेरोजगारी अब भी बड़े मुद्दे हैं, जिन पर ध्यान देना जरूरी है।

व्हाट्सएप चैनल से जुड़ने के लिए लिंक पर क्लिक करें :
https://whatsapp.com/channel/0029Vb5yUhVJUM2bfKGvpB12

Also Read This : 

भारत-अमेरिका व्यापार: ट्रंप का ‘कम टैरिफ’ मंत्र, क्या बनेगी बात?

haryanadhakadnews
Author: haryanadhakadnews

MY LOGIN

Leave a Comment

Poll

क्या आप \"Haryana Dhakad News.\" की खबरों से संतुष्ट हैं?

Cricket Live

Rashifal

Leave a Comment