धाकड़ न्यूज: हरियाणा के फरीदाबाद की सबसे बड़ी कॉलोनी माने जाने वाली नेहरू कॉलोनी में अराजकता का माहौल है। दरअसल, (Created a Stir) प्रशासन ने लोगों को मकान खाली करने के नोटिस थमा दिए हैं। नोटिस के मुताबिक, कॉलोनी के करीब 8 हजार मकान 10 जुलाई तक खाली करने होंगे। ऐसा नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस सूचना के बाद कॉलोनी के लोगों में रोष है।
Created a Stir : लोगों का कहना कि बेदखली का नोटिस देकर अन्याय किया है
कल लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और कुछ देर के लिए मुख्य चौराहे को जाम कर दिया। इससे यातायात भी प्रभावित हुआ। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे दशकों से यहां रह रहे हैं और अचानक बेदखली का नोटिस उनके साथ अन्याय है। उनका आरोप है कि सरकार ने न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है और न ही पुनर्वास की कोई योजना बनाई है। जिस घर को उन्होंने मजदूरी करके ईंट-ईंट जोड़कर बनाया था, उसे अब तोड़ने की तैयारी की जा रही है।

Created a Stir : इस कॉलीनी सबसे बड़ी समस्या नशाखोरी है
स्थानीय निवासी सुंदर ने (18 वर्षीय) से कहा, “मैं यहीं पैदा हुआ हूं। मेरे माता-पिता 60 साल से यहां रह रहे हैं। अब अचानक हमें 10 जुलाई तक घर खाली करने को कहा जा रहा है। (Created a Stir) यहां एक और बड़ी समस्या नशाखोरी है।” ऐसा सबसे ज़्यादा हो रहा है। शकील अहमद नाम के एक निवासी ने बताया कि मैं 20 साल से यहाँ रह रहा हूँ। यहाँ के नेता लोगों को गुमराह कर रहे हैं। एक-दो लोग नशा बेचते हैं और पूरी कॉलोनी बदनाम हो रही है।
नेहरू कॉलीन 40 साल पुरानी है
सुरेश ने कहा कि सरकार खुद कहती है कि 40 साल पुरानी कॉलोनी नहीं तोड़ी जाएगी। फिर नेहरू कॉलोनी क्यों तोड़ी जा रही है? नशा तस्करी के कारण नई पीढ़ी बर्बाद हो रही है, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ड्रग तस्करों ने मुझे सुबह धमकी भी दी कि तुमने मीडिया को अपना बयान क्यों दिया? 52 साल से यहां रह रही शकुंतला कहती हैं कि हमने मजदूरी करके यह घर बनाया है। अब हम कहां जाएं? हमें किराए पर घर भी नहीं मिलेगा। हम 15 साल से बीजेपी को वोट दे रहे हैं, क्या अब हमें यही इनाम मिल रहा है?
कॉलोनी को 15 दिनों के अंदर गिराने का कहा गया है
45 साल से वहां रह रही हरुनिशा भी नोटिस से परेशान हैं। जसीस कुरैशी ने कहा कि कॉलोनी को अवैध घोषित कर 15 दिन के अंदर गिराने को कहा गया है, जबकि कुछ ही लोग गलत कामों में संलिप्त हैं। लोगों की मांग है कि सरकार कोई ठोस निर्णय लेने से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करे, अन्यथा हजारों परिवार बेघर होकर सड़कों पर आ जाएंगे।

Author: haryanadhakadnews
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