धाकड़ न्युज : 300th Birth Anniversary of Ahilyabai प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मध्यप्रदेश के भोपाल दौरे पर हैं। भोपाल में प्रधानमंत्री मोदी देवी अलिल्याबाई महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन जंबूरी मैदान में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए महिला सशक्तिकरण का संदेश दिया। उन्होंने यहां पहले अहिल्याबाई को नमन किया। उसके बाद जंबूरी मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की माृतशक्ति को प्रणाम करता हूं। इतनी बड़ी संख्या में माताएं, बहने और बेटिया हमें आशीर्वाद देने पहुंची। कहा कि आज लाेकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती है। देवी अहिल्याबाई कहती थीं कि शासन का सही अर्थ जनता की सेवा करना और उनके जीवन में सुधार लाना होता है।
विपरीत परिस्थितियों में भी परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का कार्यक्रम उनकी सोच को आगे बढ़ाता है। आज इंदौर मेट्रो की शुरुआत हुई है। दतिया और सतना भी हवाई सेवा से जुड़ गए हैं। ये सभा प्रोजेक्ट मध्यप्रदेश में विकास को गती देंगे और रोजगार के नए अवसर बनाएंगे। आज इस पवित्र दिवस पर विकास के इन कामों के लिए आप सभी को बधाई देता हूं। देवी अहिल्याबाई होलकर नाम सुनते ही श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है। उनके महान व्यक्तित्व के लिए बोलन में शब्द कम पड़ जाते हैं। अहिल्याबाई इस बात का प्रतीक है स्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हो परिणाम लाकर दिखाया जा सकता है। 250-300 साल पहले जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था उस समय ऐसे महान कार्य करना कि आने वाली पीढ़िया उनकी चर्चा करें। यह कहना आसान था करना नहीं। लाेकमाता ने प्रभु सेवा और जन सेवा इसे कभी अलग नहीं माना। वे हमेशा शिवलिंग अपने साथ रखती थीं।

अनेक योजनाओं को शुरू किया
पीएम ने कहा कि उस चुनौतीपूर्ण समय में एक राज्य का नेतृत्व कोई कल्पना कर सकता है वो कांटों भरा ताज कोई पहन सकता है। परन्तु देवी अहिल्याबाई ने अपने राज्य की स्मृद्धि को नई दिशा दी। उन्होंने गरीब से गरीब को स्मर्थ बनाने के लिए काम किया। देवी अहिल्याबाई भारत की विरासत की बहुत बड़ी संरक्षक थीं। जब देश की संस्कृति पर हमले हो रहे थे तब लोकमाता ने उन्हें संरक्षित करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने काशी विश्वनाथ सहित अनेको मंदिरों को पुनर्निमाण किया। माता अहिल्याबाई ने गवर्नेंस का ऐसा उत्तम मॉडल अपनाया जिसमें गरीबों और वंचितों को प्राथमिकता दी गई। रोजगार बढ़ाने के लिए उन्होंने अनेक योजनाओं को शुरू किया। उन्होंने खेती और हस्तकला को बढ़ावा देने का काम किया। छोटी -छोट नहरों का जाल बिछाया और विकसित किया। 300 साल पहले जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए तालाब बनवाए। किसानों कि आय बढ़ाने के लिए उन्होंने कपास और मसालों की खेत को बढ़ाने का काम किया। हमें भी आज इस ओर कदम बढ़ाने होंगे। हम केवल धान या गन्ने की खेती करके अटक नहीं सकते। हमें जरूरत के हिसाब से खेती करनी चाहिए। उन्होंने आदिवासी समाज और घुमंतू टोलियों के लिए खाली पड़ी जमीन पर खेती करने का काम किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक आदिवासी बेटी जो आज भारत के राष्ट्रपित पद हैं। उनके मार्गदर्शन में काम करने का मौका मिल रहा है। देवी अहिल्याबाई ने प्रसिद्ध माहेश्वरी साड़ी के लिए उद्योग लगाए।
गरीबाें के लिए चार करोड़ से ज्यादा घर बनाए गए
नरेंद्र मोदी ने कहा कि देवी अहिल्याबाई का एक प्रेरक कथन है उसे हम भूल नहीं सकते। उसका भाव यह है कि हमें जो कुछ भी मिला है वह जनता द्वारा दिया गया ऋण है। जिसे हमें चुकाना है। आज हमारी सरकार माता अहिल्याबाई के इन्हींं मूल्यों पर चलने का काम कर रही है। नागरिक दैवा भव: यह आज गवर्नेंस का मंत्र है। सरकार की हर बड़ी योजनाओं के केंद्र में माता, बहन और बेटियां हैं। आप सब जानते हैं गरीबाें के चार करोड़ घर बनाए जा चुके हैं। इनमें से ज्यादातर घर माताओं और बहनों के नाम हैं। इनमें से अधिकतर माताएं और बहनें ऐसी हैं जिनके नाम पहली बार कोई संपत्ति दर्ज हुई है पहली बार घर की मालकिन बनी हैं। आज सरकार हर घर तक जल पहुंचाने का काम कर रही है।
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Author: haryanadhakadnews
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