धाकड़ न्यूज: शनिवार 29 मार्च को बहुचर्चित नोटकांड मामले में सीबीआई कोर्ट ने पंजाब एवं हाइकोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस निर्मल यादव को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। सीबीआई की जज लका मलिक ने इस मामले में बाकी आरोपितों दिल्ली के होटलियर रविंदर सिंह भसीन, कारोबारी राजीव गुप्ता व निर्मल सिंह को भी बरी कर दिया।

यह था मामला
13 अगस्त 2008 के दिन हाई कोर्ट की जस्टिस निर्मलजीत कौर के घर पर अचानक से कोई नोटों का एक पैकेट छोड़ गया। पैकेट को खोल कर देखा गया तो उसमें 15 लाख रुपये थे। इस मामले में आरोप लगाया गया था कि यह पैकेट जिसमें 15 लाख रुपये थे। हरियणा के तत्कालीन एडीशनल एडवाेकेट जनरल संजीव बंसल ने अपने मुंशी के हाथ जस्टिस निर्मल यादव को भिजवाई थी। लेकिन नाम में गलतफहमी के कारण यह पैकेट जस्टिस निर्मलजीत कौर के पास पहुंच गया। जस्टिस ने तुरंत पुलिस को फोन कर दिया और साथ ही उस समय के हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भी मामले की जानकारी दे दी। पुलिस पूछताछ में बंसल के मुंशी ने बताया कि यह पैकेट जस्टिस निर्मल यादव के लिए था। कुछ दिनों के बाद इस जांच को सीबीआई को सौंप दिया गया था।
Author: haryanadhakadnews
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