- बिजली कंपनियों ने एचईआरसी को दिया दरें बढ़ाने का प्रस्ताव
- मनोहर सरकार में केवल एक कैटागरी के बढ़े थे रेट
हरियाणा धाकड़ न्यूज: उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से 4520 करोड़ रुपये से अधिक के गेप की भरपाई के लिए हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) को प्रदेश में बिजली दरों को बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। एचईआरसी द्वारा अगर स्वीकृति प्रदान की जाती है तो हरियाणा में बिजली महंगी हो सकती है।
मनोहर सरकार ने 25 पैसे यूनिट बढ़ाई थी
पूर्व की मनोहर सरकार ने अपने करीब दस वर्षों के कार्यकाल में केवल 2022-25 में मात्र 25 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा किया था। यह बढ़ोतरी भी केवल एक ही कैटेगरी में हुई थी। उस समय 0 से 150 यूनिट तक दो रुपये प्रति यूनिट का रेट था। आयोग ने इसमें बढ़ोतरी करके 2 रुपये 75 पैसे प्रति यूनिट टैरिफ तय किया था। बाकी किसी भी कैटेगरी के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
मनोहर सरकार ने दस वर्षों में बिजली के बिलों में इजाफा नहीं किया गया। अब अगर सरकार बिजली के रेट बढ़ाती है तो यह बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बन सकता है।
आय और डिमांड में 4 हजार 520 करोड़ रुपये से अधिक का गेप
बिजली कंपनियों की ओर से आयोग से एआरआर (वार्षिक राजस्व जरूरत) के तहत 45 हजार 978 करोड़ 93 लाख रुपये से अधिक का प्रपोजल भेजा था। वहीं बिजली कंपनियों को होने वाली आय और डिमांड में 4 हजार 520 करोड़ रुपये से अधिक का गेप था। आयोग की ओर से बिजली कंपनियों से इस गेप को भरने का फार्मूला पूछा गया। आमतौर पर एचईआरसी द्वारा एआरआर और राजस्व वसूली के गेप पर खुद ही निर्णय लिया जाता रहा है।
नियम-65 में सब्सिडी देने के अधिकार है प्रदेश सरकार के पास
एचईआरसी द्वारा विद्युत अधिनियम-2003 की पालना की जाती है। इसके नियम-62 में आयोग के पास दरें तय करने के अधिकार हैं। आयोग द्वारा तय की गई दरों को कम करने के लिए राज्य सरकार के पास नियम-65 में सब्सिडी देने के अधिकार हैं। लेकिन सरकार को सब्सिडी एडवांस में निगमों को देनी होती है।
विद्युत अधिनियम-2003 के नियम-65 के तहत ही राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में सब्सिडी का फैसला लिया हुआ है। प्रदेश में किसानों को 10 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली आपूर्ति होती है। बाकी का गेप सब्सिडी के तौर पर सरकार निगमों को देती है। कृषि सब्सिडी पर सालाना 6000 करोड़ के करीब खर्च होते हैं।
हो चुकी जनसुनवाई, आज आर्डर संभव
हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग निगमों की एआरआर डिमांड पर 16 जनवरी को जनसुनवाई कर चुका है। इसके बाद 19 फरवरी को स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक भी हो चुका है। अब 4529 करोड़ के गेप का प्रपोजल भी कंपनियां दे चुकी हैं। मंगलवार को आयोग द्वारा इस संदर्भ में आदेश दिए जा सकते हैं।
वर्तमान में यह है स्लैबवार टैरिफ प्लान्र
- कैटेगरी रेट
0 से 50 यूनिट 2.00 रुपये
51-100 2.50 रुपये
0-150 2.50 रुपये
151-250 5.25 रुपये
251-500 6.30 रुपये
501-800 7.10 रुपये
(नोट : 800 यूनिट से अधिक यूनिट का इस्तेमाल होने पर 7 रुपये 10 पैसे प्रति यूनिट फ्लैट रेट होगा)

Author: haryanadhakadnews
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