स्वच्छ सर्वेक्षण 2024: हरियाणा के नगर निगमों की सफाई व्यवस्था फेल, कचरा प्रबंधन में नहीं दिखा अपेक्षित सुधार
पिछले साल की कमजोर रैंकिंग के बाद हरियाणा ने 2024 के स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रदर्शन सुधारने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अधिकांश नगर निगम अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके। ‘गारबेज फ्री सिटी’ स्टार रेटिंग के लिए प्रदेश के 11 में से 10 नगर निगमों (सिर्फ मानेसर को छोड़कर) ने आवेदन किया, लेकिन नतीजे निराशाजनक रहे।
2023 के सर्वेक्षण में हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था और राज्य के किसी भी शहर को टॉप 100 में जगह नहीं मिल पाई थी। 2024 का सर्वेक्षण भी प्रदेश के लिए उम्मीद के अनुरूप बदलाव नहीं ला सका।
सोनीपत नगर निगम एकमात्र ऐसा निकाय रहा, जिसने अपेक्षित मानकों को कुछ हद तक पूरा किया। रोहतक मात्र 1 स्टार रेटिंग तक ही पहुंच पाया जबकि करनाल ने 7 स्टार का लक्ष्य रखा था, लेकिन केवल 3 स्टार ही हासिल कर सका। गुरुग्राम ने 5 स्टार रेटिंग के लिए दावा किया था, मगर उसे कोई रेटिंग नहीं मिली। पानीपत ने भी 3 स्टार के मुकाबले सिर्फ 1 स्टार अर्जित कर कुछ हद तक ही प्रतिष्ठा बचाई।
अन्य नगर निगमों का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। स्टार रेटिंग के लिए रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों में कचरा मुक्त वातावरण और बेहतर कचरा प्रबंधन अनिवार्य होता है, जिसमें नगर निगम असफल रहे।
रोहतक, करनाल और अंबाला को सुधार की ज़रूरत
- रोहतक: सूखा और गीला कचरा अलग-अलग करने में असफल रहा, सिर्फ 58% अंक ही अर्जित कर सका।
- करनाल: कचरा निष्पादन में 76% और कचरा पृथक्करण में 77% स्कोर किया, लेकिन यह भी लक्ष्य से कम रहा।
- अंबाला: सबसे खराब प्रदर्शन, सूखा-गीला कचरा अलग करने में मात्र 8% अंक मिले, जो राज्य में सबसे कम हैं।
कुल मिलाकर, स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 ने यह साफ कर दिया है कि हरियाणा के नगर निगमों को कचरा प्रबंधन के मोर्चे पर और अधिक ठोस कार्य करने की आवश्यकता है।
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Author: haryanadhakadnews
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