धाकड़ न्यूज, हरियाणा : mmc : हरियाणा के ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने बिजली की बिलों की दरों के संबंध मेंकहा कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रामक प्रचार किया जा रहा है कि बिल 4 गुना तक बढ़ गए है, जबकि यह गलत है। उन्होंने कहा कि कृषि उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसी तरह से 2 किलोवॉट तक के घरेलू उपभोक्ताओं के मासिक बिल में साल 2014- 2015 की तुलना में 75 प्रतिशत तक की कमी आई है जबकि श्रेणी- 2 के अधिकांश उपभोक्ताओं के बिलों में भी कमी दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि श्रेणी – 1 और श्रेणी – 2 में लगभग 94 % बिजली के उपभोक्ता आते है, जिनके अधिकांश मासिक बिलों में कमी आई है।
न्यूनतम मासिक शुल्क समाप्त किया गया
मंत्री विज ने कहा कि संशोधित बिजली टैरिफ संरचना के अनुसार, हमने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक शुल्क (एमएमसी) समाप्त कर दिया गया है क्योंकि हरियाणा की डिस्कॉम्स (बिजली कंपनियां) प्रदेशवासियों को लगातार , निर्बाध, सस्ती और उपभोक्ता-केंद्रित बिजली सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अपने पड़ोसियों राज्यों की तुलना में एलटी और एचटी दोनों उपभोक्ताओं की श्रेणियों में काफी कम टैरिफ चार्ज करता है। साथ ही पिछले एक दशक में, एटी एंड सी (समग्र तकनीकी और वाणिज्यिक) लॉसेस घटाकर 10% के स्तर पर लाया गया है।
पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये/किलोवाट
विज ने बताया कि मासिक बिलों में वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में 49% से 75% तक की कमी आई है। हालांकि, पिछली टैरिफ संरचना (एमएमसी के साथ) की दरों से तुलना करने पर, बिल में कमी आई है। श्रेणी-III के उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 की तुलना में वृद्धि 5% से 7% तक है। इस श्रेणी में कम खपत स्तरों के लिए, प्रतिशत वृद्धि अधिक लग सकती है। हालांकि, इस श्रेणी में केवल 6% घरेलू उपभोक्ता ही आते है। उन्होंने बताया कि बिजली के बिलों का मूल्यांकन पिछले वर्ष के उसी महीने के हिसाब से किया जाना चाहिए। जबकि, इसके विपरीत, पड़ोसी राज्यों में निश्चित शुल्क 110 रुपये/किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क 8 रुपये/यूनिट तक है। वित्तीय वर्ष 2025-26 की दरें वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में घरेलू श्रेणी के बिलों में मामूली वृद्धि और श्रेणी-I के लिए कमी भी दर्शाती है। इससे यह स्पष्ट है कि घरेलू श्रेणी के बिजली के बिलों में वित्तीय वर्ष 2024-25 और वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में वृद्धि 9.6% से कम है।
एल टी श्रेणी में, विभिन्न उपभोक्ताओं में वृद्धि अपेक्षाकृत मध्यम
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि एच टी उपभोक्ताओं के लिए, वित्तीय वर्ष 2024-25 से वित्तीय वर्ष 2025-26 तक टैरिफ संशोधन लोड और खपत के आधार पर 7% से 10% की मध्यम वृद्धि को दर्शाता है। एल टी श्रेणी में, विभिन्न उपभोक्ताओं में वृद्धि अपेक्षाकृत मध्यम है, जो 4% से 7% तक है। पड़ोसी राज्यों की तुलना में, हरियाणा एल टी और एच टी दोनों उपभोक्ता श्रेणियों में काफी कम बिजली टैरिफ चार्ज करता है, जिससे यह दोनों खंडों के उपभोक्ताओं के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प बन जाता है। पड़ोसी राज्यों में एल टी उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क 450 रुपये/किलोवाट तक और एच टी उपभोक्ताओं के लिए 475 रुपये/ किलोवाट तक हैं, जबकि ऊर्जा शुल्क एल टी के लिए 8.95 रुपये/ यूनिट और एच टी के लिए 7.75 रुपये/ यूनिट तक है। गौरतलब है कि लगभग एक दशक तक टैरिफ को अपरिवर्तित रखना बढ़ी हुई परिचालन दक्षता और सख्त वित्तीय अनुशासन के कारण संभव हो पाया।
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Author: haryanadhakadnews
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