धाकड़ न्यूज, हरियाणा : Modernization of land records : भूमि संसाधन विभाग के केंद्रीय सचिव मनोज जोशी ने भूमि रिकॉर्ड के आधुनिकीकरण में हरियाणा प्रदेश की प्रगतिशील कार्य प्रणाली की पहल की प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने संकेत भी दिया कि हरियाणा को इन प्रयास को आगे बढ़ाते रहने के लिए परियोजना-विशिष्ट वित्तपोषण मिल सकता है। जिससे हरसैक द्वारा शुरू की गई “ततिमा अपडेशन परियोजना ” जैसी पहलों को अधिक महत्वपूर्ण रूप से मजबूती मिलने की उम्मीद है, जो भूमि पार्सल के विस्तृत स्केचिंग और मानचित्रण पर केंद्रित है यह पारदर्शी और सटीक भूमि रिकॉर्ड प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय सचिव “डिजिटल इंडिया भूमि रिकॉर्ड आधुनिकीकरण कार्यक्रम” (DILRMP), नक्शा (NAKSHA), पंजीकरण महानिरीक्षक (IGR) प्रणाली और पूंजी प्रोत्साहन योजनाओं सहित प्रमुख कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए आज चंडीगढ़ में थे।
भूमि प्रबंधन प्रणालियों में स्पष्टता, पारदर्शिता : मिश्रा
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने इस दौरान कहा कि प्रदेश सरकार भूमि प्रशासन को बदलने में प्रगति कर रही है। हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट और मॉडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम प्रोजेक्ट जैसी पहल के माध्यम से, हरियाणा प्रदेश का लक्ष्य नेचुरल और मानव द्वारा बनाया जाने वाला दोनों ही प्रकार के व्यवधानों से जरूरी भूमि डेटा सुरक्षित करना है। इनसे भूमि प्रबंधन प्रणालियों में स्पष्टता, पारदर्शिता और दक्षता की उम्मीद है।
88 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए पूरा : मिश्रा
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. मिश्रा ने बताया कि आज तक सर्वे ऑफ इंडिया (SoI) ने 38,406.36 वर्ग किलोमीटर में ड्रोन सर्वेक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। डॉ. मिश्रा ने “एडवांस फीचर एक्सट्रैक्शन प्रोसेस” के बारे में विस्तार से बताया कि शहरी क्षेत्रों में, यह महत्वपूर्ण कदम 88 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के लिए पूरा किया जा चुका है, जबकि 79 यूएलबी के लिए डेटासेट पहले ही संबंधित विभागों को दे दिया गया है। सर्वे ऑफ इंडिया ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 41,024.26 वर्ग किमी के लिए फीचर एक्सट्रैक्शन को पूरा कर लिया है, और शेष 30 जून, 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस परियोजना का एक अधिक जरूरतमंद पहलू, मुरब्बा पत्थर का अवलोकन करना है, जो गांव की सीमाओं की पहचान के लिए अति आवश्यक है, पंचकूला के कुछ पहाड़ी हिस्सों को छोड़कर यह काम सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है।
291 गांवों में सीमा संबंधी विसंगतियों का समाधान किया गया : मिश्रा
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डॉ. मिश्रा ने आगे बताया कि 291 गांवों में सीमा संबंधी विसंगतियों का समाधान कर लिया गया है और सर्वे ऑफ इंडिया को भेज दिया गया है, जिससेसटीक भूमि रिकॉर्ड का मार्ग प्रशस्त हुआ है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त ने बताया कि सरकार ने प्रदेश के संसाधनों का उपयोग कर “हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट” में 84 करोड़ का निवेश किया है। इन निधियों का उपयोग उच्च तकनीक वाले उपकरणों की खरीद व मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए किया है। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम (डीआईएलआरएमपी) द्वारा वित्त पोषित पुनः सर्वेक्षण प्रक्रिया में देरी करने वाले अदालती मुकदमों के निपटारे के लंबित रहने तक पुनः सर्वेक्षण कार्यों और 400 और रोवर्स की खरीद के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त 180.54 करोड़ रुपये मांगे हैं।
डेटा को नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षा दी जाए : मिश्रा
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त ने कहा कि सरकार का यह स्मारकीय-प्रयास सुनिश्चित करता है कि डेटा को नुकसान से बचाने के लिए सुरक्षा दी जाए। साथ ही जनमानस के लिए सरलता से दोबारा प्राप्त करने योग्य बनाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में अब आधुनिक बुनियादी ढांचे के साथ अत्याधुनिक रिकॉर्ड रूम है, जिसमें जलवायु-नियंत्रित भंडारण, उन्नत स्कैनिंग उपकरण और शिकायत निवारण और दस्तावेज़ अनुरोधों के लिए एक “पब्लिक-फेसिंग फ्रंट डेस्क” शामिल है। उन्होंने जानकारी दी कि इस परियोजना का तीन स्तरीय सत्यापन हो चुका है।
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Author: haryanadhakadnews
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