हरियाणा कांग्रेस में संगठनात्मक हलचल तेज: हरियाणा में कांग्रेस पार्टी लंबे समय से संगठनात्मक अस्थिरता से जूझ रही है। राज्य में करीब 9 महीने बीत जाने के बाद भी कांग्रेस अब तक विधायक दल के नेता की नियुक्ति नहीं कर पाई है। पार्टी के अंदर गुटबाजी और अंदरूनी संघर्ष के कारण प्रदेश संगठन अधर में लटका हुआ है।
हालांकि, अब पार्टी नेतृत्व ने हरियाणा में संगठन को नए सिरे से खड़ा करने की कवायद तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस इस महीने के अंत तक जिला अध्यक्षों की घोषणा कर सकती है, जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता विपक्ष (विधायक दल के नेता) की नियुक्ति की जाएगी।
ऑब्जर्वरों के साथ हुई अहम बैठक
एआईसीसी के पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वर) के साथ हरियाणा के पार्टी प्रभारी बीके हरिप्रसाद और संगठन महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने सोमवार को अहम बैठक की। यह बैठक मंगलवार तक चलेगी और जिला इकाइयों के गठन की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की कोशिश की जाएगी।
सबसे ज्यादा आवेदन कहां से?
सूत्रों के मुताबिक, हिसार जिले से जिला अध्यक्ष बनने के लिए सबसे ज्यादा करीब 200 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसके बाद रोहतक जिले से 120 आवेदन आए हैं, जो कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा का राजनीतिक गढ़ माना जाता है।
कब से अधूरी है प्रदेश इकाई?
हरियाणा कांग्रेस में 2013 के बाद से ही प्रदेश इकाई का पूरा गठन नहीं हो पाया है। पार्टी ने अब सभी जिलों से 6-6 लोगों का पैनल तैयार किया है, जिनमें से एक को जिला अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा। अंतिम निर्णय कांग्रेस हाईकमान द्वारा लिया जाएगा।
गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस
हरियाणा कांग्रेस में दो प्रमुख गुट हैं:
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भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट — जिनका प्रदेश संगठन और विधायक दल पर सबसे अधिक प्रभाव है।
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कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला गुट — जो संगठनात्मक संतुलन बनाने की कोशिश में रहते हैं। पहले किरण चौधरी भी इसी गुट का हिस्सा थीं, लेकिन कांग्रेस छोड़ने के बाद यह गुट कमजोर हो गया है।
गुटबाजी के कारण पार्टी बीते कई वर्षों से संगठनात्मक इकाइयों का गठन नहीं कर सकी। लेकिन अब पार्टी सभी जिलों में अध्यक्ष नियुक्त कर संगठन को स्थिर और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है।
निष्कर्ष:
हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय से लंबित संगठनात्मक ढांचे के गठन की प्रक्रिया अब रफ्तार पकड़ती नजर आ रही है। अगर सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है, तो जुलाई के अंत तक जिला अध्यक्षों की नियुक्ति और उसके तुरंत बाद प्रदेश अध्यक्ष व नेता विपक्ष का ऐलान हो सकता है।
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Author: haryanadhakadnews
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