धाकड़ न्यज : हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव ने बुधवार को भालखी माजरा गांव में निर्माणाधीन एम्स का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए तथा किए जा रहे कार्यो की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान एसडीएम सुरेंद्र सिंह, सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र दहिया, ज्ञान प्रकाश सुजाता मजुमदार, मुकेश शर्मा सहित लोरंस ट्रबो के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
एम्स का नाम शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के नाम पर रखने की मांग
दरअसल, भालखी माजरा एम्स का नाम रेवाड़ी के शहीद फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव के नाम पर रखने की मांग हो रही है, जिस पर आज हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने प्रतिक्रिया दी। मंत्री ने कहा कि वह शहीद के परिवार की इस मांग को सरकार के समक्ष रखेंगी तथा माजरा एम्स का नाम शहीद सिद्धार्थ के नाम पर रखने की पुरजोर कोशिश भी करेंगी।
दरअसल, आज स्वास्थ्य मंत्री आरती राव सिंह रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में प्रदेश में लगने वाली चौथी ऐसी स्वास्थ्य जांच एटीएम मशीन का उद्घाटन करने पहुंची थीं।यह मशीन आपको पैसे नहीं देगी बल्कि ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी जानलेवा बीमारियों की तुरंत जांच रिपोर्ट देगी, जिसे डॉक्टर ही नहीं बल्कि आप खुद एटीएम की तरह ऑपरेट कर सकेंगे.जहां उन्होंने यह भी बताया कि कल यानी 10 अप्रैल को वह शहीद सिद्धार्थ के परिवार से मिलने जाएंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि रेवाड़ी अस्पताल में इस हेल्थ चेकअप मशीन के लगने के बाद मरीजों को बीपी, शुगर समेत 60 बीमारियों का चेकअप करवाने के लिए डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा, बल्कि मरीज खुद ही इस मशीन को ऑपरेट कर चेकअप रिपोर्ट प्राप्त कर सकेंगे।
28 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव पिछले दिनों गुजरात के जामनगर में हुए विमान हादसे में शहीद
जानकारी के लिए बता दे कि गुजरात के जामनगर में बुधवार रात इंडियन एयरफोर्स का जगुआर फाइटर जेट ट्रेनिंग के दौरान क्रैश हो गया था। इस हादसे में रेवाड़ी के शहीद लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (28) शहीद हो गए थे। आखिरी समय में सिद्धार्थ व उनके को पायलट ने प्लेन की दिशा बदल लोगों की जान बचाई थी। इससे बड़ा हादसा होने से टल गया था। को-पायलट का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अंतिम विदाई के दौरान उनकी मंगेतर सानिया भी शमशान घाट पहुंची
रेवाड़ी के शहीद लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव (28) को राजकीय सम्मान के साथ पैतृक गांव भालखी माजरा में उनके पिता सुशील यादव ने शहीद बेटे की चिता को मुखाग्नि दी। अंतिम विदाई के दौरान भी एयरफोर्स की टूकड़ी ने हथियार उल्टे और फायर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। सिद्धार्थ की 10 दिन पहले ही सगाई हुई थी। अंतिम विदाई के दौरान उनकी मंगेतर सानिया भी शमशान घाट पहुंची। और वह पार्थिव देह को देख रोती रहीं। वह रोते हुए बार-बार कहती रही कि एक बार मुझे सिद्धार्थ की शक्ल दिखा दो। साथ ही कहा मुझे सिद्धार्थ पर गर्व है।

सिद्धार्थ की मां सुशीला यादव ने रोते हुए कहा कि मुझे अपने बेटे पर गर्व है। मैं देश की हर मां से कहना चाहती हुं कि हर मां अपने बेटे को देश सेवा के लिए सेना में भेजे। मुझे सिद्धार्थ की मां होने पर गर्व है। मेरा पूरा परिवार सेना में है यह जानते हुए भी उसे सेना में भेजा।
पिता बोले- सिद्धार्थ यादव के पिता सुशील यादव ने कहा कि मेरा सपना था कि बेटा चीफ ऑफ एयर स्टाफ बनकर ही घर लौटे। हर एयफोर्स अधिकारी के पिता का यही सपना होता है। उन्होनं बताया कि सिद्धार्थ के घर से जाने के बाद शादी की बात हुई थी। 2 नवबंर को उनकी शादी की तारीख तय हुई थी जो की उनको लेकर घर में तैयारियां चल रही थी।

Author: haryanadhakadnews
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