हरियाणा धाकड़ न्यूज: भाखड़ा बांध से पानी पर पंजाब के अड़ियल रुख के बीच शनिवार को सर्वदलीय बैठक में हरियाणा के सभी राजनीतिक दलों ने एकजुटता दिखाई। भाखड़ा से अपने हिस्से का पूरा पानी लेने और सतलुज यमुना लिंक नहर के निर्माण के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया कि पंजाब सरकार भाखड़ा ब्यास प्रबंध बोर्ड बीबीएमबी के हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी देने के फैसले को बिना शर्त लागू करें। साथ ही हरियाणा के हिस्से पर लगाई गई है अमानवीय , अनुचित, अवैध एवं संवैधानिक रोग को तुरंत हटाए। सभी दलों ने इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने या फिर कानूनी कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अधिकृत किया है।
बैठक में मौजूद सभी राजनीतिक दल
हरियाणा निवास में दोपहर सवा घंटे चली सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की इसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा और विधायक आदित्य चौटाला जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय संघ रक्षक एवं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता, बसपा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा जमालपुर और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रेमचंद शामिल हुए। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में सीएम नायब सैनी ने आरोप लगाया कि आप दिल्ली में हार का बदला हरियाणा से ले रही है मान असंवैधानिक तरीके से हरियाणा का पानी रोक रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि मानसून से पहले बांध को खाली नहीं किया तो अतिरिक्त पानी पाकिस्तान जाएगा।

जल संकट पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
हरियाणा में जल संकट के बीच हरियाणा व पंजाब में भाखड़ा से पानी छोड़ने के विवाद के चलते हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। पंचकूला निवासी हाई कोर्ट के वकील व हरियाणा के पूर्व एडिशनल एडवोकेट जनरल आरएस ढुल द्वारा दायर याचिका में कोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की गई है। याचिकाकर्ता ने भाखड़ा हेडवर्क्स वह लोहंड खुद एस्केप चैनल से पंजाब पुलिस को हटाने का निर्देश देने को कहा है।

बीबीएमबी की बैठक में शामिल नहीं हुआ पंजाब
हरियाणा को 4500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने को लेकर गृह मंत्रालय के निर्देश पर भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की ओर से शनिवार शाम बुलाई गई। बैठक में शामिल होने से पंजाब ने इनकार कर दिया पंजाब के जल स्रोत विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने बीबीएमबी के अध्यक्ष मनोज त्रिपाठी को पत्र लिखकर बैठक स्थगित करने का आग्रह किया। आपात बैठक के लिए कम से कम 7 दिनों के नोटिस का नियम बताया । इस घटनाक्रम के बाद अब कहा जा रहा है कि जिस प्रकार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सलाह दी है कि उसे देखते हुए पंजाब के पास कहने को कुछ अधिक नहीं है लेकिन राजनीतिक रूप से सरकार इतना आगे बढ़ चुकी है कि उसे केंद्र की सलाह मानना अपने कदम पीछे खींचने जैसा लग रहा है।
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Author: haryanadhakadnews
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