राज्यसभा में जेपी नड्डा का तीखा हमला: राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर हुई विशेष चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने कांग्रेस पर आतंकवाद से निपटने में लचर रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 2005 में दिल्ली, 2006 में वाराणसी और मुंबई लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के बावजूद तत्कालीन यूपीए सरकार ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया।
“जब आतंक, व्यापार और पर्यटन एक साथ चलते रहे”
नड्डा ने कहा, “मुद्दा यह है कि उस दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद, व्यापार और पर्यटन समानांतर रूप से चलते रहे।” उन्होंने 2008 के जयपुर बम धमाकों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस सरकार की तुष्टीकरण नीति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन के हमलों के बावजूद भारत-पाक के बीच विश्वास बहाली के प्रयास किए जाते रहे।
“हम पर गोलियां चलती रहीं, और हम बिरयानी परोसते रहे”
अपने भाषण में तीखा हमला बोलते हुए नड्डा ने कहा, “जब भारत गोलियों से छलनी होता रहा, तब हमारी सरकारें पाकिस्तान को बिरयानी खिलाने में व्यस्त थीं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उस समय नियंत्रण रेखा (LoC) पार करने के लिए “ट्रिपल-एंट्री परमिट” की व्यवस्था बनाई गई, जिससे घुसपैठ को बढ़ावा मिला।
“सीमाएं अविकसित रखना बेहतर नीति बताई गई थी”
नड्डा ने कहा, “एक पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा था कि सीमाओं का विकास न करना ही सुरक्षा की गारंटी है। वहीं, एक पूर्व गृह मंत्री ने खुले तौर पर स्वीकार किया था कि उन्हें कश्मीर जाने में डर लगता है।” उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “हम उस दौर में अंधकार में जी रहे थे।”
“2014 के बाद तस्वीर बदली, आतंकवाद पर करारा जवाब”
जेपी नड्डा ने कहा कि 2014 से लेकर 2025 तक जम्मू-कश्मीर को छोड़कर देश के किसी हिस्से में आतंकी हमले नहीं हुए। उन्होंने उरी सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा, “1947 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि देश के प्रधानमंत्री ने हमले के तुरंत बाद सार्वजनिक रूप से चेतावनी दी और तीन दिन के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। यही है नया भारत — जो निर्णय लेने से पीछे नहीं हटता।”
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Author: haryanadhakadnews
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