दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर प्रशासन ने शनिवार देर सायं से ग्रेप-चार के कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। इसके चलते क्षेत्र के खानक और खरकड़ी सोहान पहाड़ों में होने वाला खनन कार्य आगामी आदेशों तक पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
खनन गतिविधियां रुकते ही इसका सीधा असर निर्माण सामग्री की आपूर्ति और कीमतों पर देखने को मिला। रविवार को ही भवन निर्माण सामग्री के दामों में करीब डेढ़ सौ से दो सौ रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी दर्ज की गई। ग्रेप-चार लागू होने के बाद क्रेशर इकाइयों को भी बंद कर दिया गया है, जिससे क्षेत्र में रोड़ी और क्रेशर स्टोन की आपूर्ति बाधित हो गई है।
शनिवार तक जहां क्रेशर का भाव 750 रुपये प्रति टन और रोड़ी का भाव 700 रुपये प्रति टन था, वहीं प्रतिबंध लगते ही रोड़ी के दाम बढ़कर 850 रुपये प्रति टन और क्रेशर का भाव 900 से एक हजार रुपये प्रति टन तक पहुंच गया।
यदि यह पाबंदी लंबे समय तक जारी रहती है तो आने वाले दिनों में निर्माण सामग्री की भारी किल्लत हो सकती है, जिससे मकान निर्माण और विकास कार्यों पर फिर से ब्रेक लगने की आशंका है। खनन बंदी से रोजगार पर भी गहरा असर पड़ रहा है।
खानक और खरकड़ी सोहान क्षेत्र में लगभग 10 हजार से अधिक लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खनन कार्य से जुड़े हुए हैं। काम ठप होने से मजदूरों, ट्रक और डंपर मालिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। खासकर डंपर मालिकों के लिए किश्तें भरना मुश्किल हो जाता है।वहीं बाजार में भी मंदी का माहौल बनने लगता है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 11 नवंबर को ग्रेप लागू किया गया था, जिसे 27 नवंबर को हटाया गया था। इस संबंध में एचएसआइआइडीसी के मैनेजर रविंद्र जाखड़ ने पुष्टि करते हुए बताया कि ग्रेप-चार लागू होने के कारण खनन कार्य पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
Author: haryanadhakadnews
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