धाकड़ न्यूज: पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी का खात्मा करने को भारताीय सेना ऑपरेशन सिंदूर चला रही है। इस ऑपरेशन को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का पलटवार बताया जा रहा है। पीओके में सेना के इस ऑपरेशन को दमदार सपोर्ट मिल रहा है। इस कड़ी में बहादुरगढ़ की महिला सरपंच मुकेश राठी ने अपनी पांच साल की सैलरी भारत सरकार के सहायता कोष में देने का फैसला लिया है। गांव में पंच और महिलाओं के साथ बैठक कर मुकेश व उनके पति अशोक राठी ने ये फैसला किया है। सरपंच ने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से हर महीने सरपंच को 5 हजार मानदेय मिलता है जो पांच साल में 3 लाख होता है। अतः वो अपने मानदेय के 3 लाख ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंक का पूरी तरह सफाया होना मानवता के लिए जरूरी है। ग्रामीणों ने बैठक में भारत माता कर जयकारे भी लगाए।
पूर्व आईपीएस अधिकारी केबीएस सिद्धू ने भी एक महीने की पेंशन की दान
वहीं दूसरी और देश के पूर्व आईपीएस अधिकारी केबीएस सिद्धू ने भी अपनी एक महीने की पेंशन को दान कर दिया है। केबीएस सिद्धू सीनियर आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। सिद्धू ने सिविल सर्विस की परीक्षा 1984 में पास की थी। वह मूलरूप से पंजाब के रहने वेला सिद्धू 1984 बैच के अधिकारी हैं। बता दें कि केबीएस सिद्धू कई अहम पद पर तैनात रह चुके हैं. वो वित्तीय आयुक्त के महत्वपूर्ण प्रभार को संभाल चुके हैं।

केबीएस सिद्धू देश प्रेम की मिसाल देते हुए अपनी पेंशन को दान कर चुके हैं. उनके रिटायरमेंट के समय अंतिम सैलरी, 2 लाख 25 हजार रुपए थी. सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार उनकी पेंशन 1,20,000 रुपये थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि मुझे सलाह दी गई है कि राष्ट्रीय रक्षा कोष में प्रत्यक्ष योगदान देना सबसे अच्छी बात है।
जानकारी के लिए बात दें कि, पूर्व आईएएस केबीएस सिद्धू की पत्नी पूनम खैर सिद्धू भी एक आईआरएस अधिकारी रह चुकी हैं। दोनों की शादी साल 1990 में हुई थी। एक पोस्ट में केबीएस सिद्धू बताते हैं कि उनकी पत्नी और उनके लिए देश सेवा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
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Author: haryanadhakadnews
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